Citizen Charter
नगरपालिका नागरिक अधिकार पत्र
(म्यूनिसिपल सिटीजन चार्टर)
वर्ष -2011

( नगर निगमों, नगरपलिका परिषदों एवं नगर पंचायतों हेत )
स्थानीय निकाय निदेशालय, उ०प्र०
8वॉ तल, इन्दिरा भवन,
लखनऊ
प्रस्तावित
नगरपालिका नागरिक अधिकार पत्र (म्यूनिसिपल सिटीजन चार्टर)-2011
नगरपालिका नागरिक अधिकार पत्र (म्यूनिसिपल सिटीजन चार्टर)
नगरपालिका नागरिक अधिकार पत्र (म्यूनिसिपल सिटीजन चार्टर) के उदेश्य:
नागरिको को नगरपालिकाओं द्वारा उपलब्ध कराई जा रही जन सुविधाओं से संबंधित विभागों के बारे में जानकारी देना।
नगरपालिका क्षेत्र के नागरिकों को परिवाद अथवा सुझाव पंजीकृत कराने विषयक प्रक्रिया की पूर्ण जानकारी देना
परिवाद निस्तारित न होने पर अग्रिम प्रक्रिया की पूर्ण जानकारी देना ।
परिवाद निस्तारित न होने अथवा विलम्ब से होने की दशा में अधिकारियों एवं कर्मचारियों को दण्डित करने की व्यवस्था की जानकारी देना।
उ0प्र0 जनहित गारन्टी अधिनियम 2011 में आच्छादित सेवाओं और नियत समय सीमा की जानकारी देना।
नगरपालिका नागरिक अधिकार पत्र (म्यूनिसिपल सिटीजन चार्टर) के अधारभूत सिद्धान्त-
उत्तरदायित्वः- नागरिक अधिकार पत्र (सिटीजन चार्टर) के माध्यम से विभिन्न नगरीय सेवाओं हेतु स्पष्ट उत्तरदायित्व स्थापित किया जाता है। \
पारदर्शिता- नगरपालिकाओं द्वारा दी जा रही विभिन्न नगरीय सेवाओं के बारे में आवश्यक जानकारी तथा जन सहभागिता बढाने के उदेश्य से पूर्ण पारदर्शिता आधारित व्यवस्था स्थापन,
मानक- नगर निगमों, नगरपालिका परिषदों एंव नगर पंचायतों द्वारा नियत मानक के अनुसार नगरीय सेवायें उपलब्ध कराने के प्रयासों के उपरान्त भी यदि किसी नागरिक को तदनुसार नगरीय सेवायें प्राप्त नही हो रही हों तो नागरिक नागरिक अधिकार पत्र (सिटीजन चार्टर) में उल्लिखित विधि से कार्यवाही करना,
संकल्प– नगरपालिकाओं द्वारा दी जा रही विभिन्न सेवाओं की गुणवत्ता में निरन्तर सुधार एवं नागरिकों की दिन–प्रतिदिन बदलती आवश्यकताओं के प्रति अधिक उत्तरदायी होने के लिये शासन, स्थानीय निकाय निदेशालय, उ०प्र० एवं सभी नगरपालिकाओं का दृढ。संकल्पित होना,
आउट सोर्सिग- नागरिकों के परिवादो पर कृत कार्यवाही में पारदर्शिता रखे जाने के उद्देश्य से नगर निगम के नगर आयुक्त अथवा नगरपालिका परिषद एंव नगर पंचायतों के अध्यक्ष के द्वारा किसी उपयुक्त गैर सरकारी स्वयंसेवी संस्था को यह दायित्व सौपा जा सकता है कि वह परिवादो का पंजीकरण करें तथा प्राप्त परिवादों पर नगर निगम के विभिन्न जोन कार्यालयों अथवा नगरपालिका परिषद एवं नगर पंचायतों के कार्यालयों द्वारा कृत एवं अपेक्षित कार्यवाही की प्रतिदिन की स्थिति की समीक्षा कर प्रतिवेदन यथा स्थिति नगर आयुक्त अथवा अधिशासी अधिकारी और अध्यक्ष को उपलब्ध करा लम्बित समस्याआओं को तत्परतापूर्वक नियत समय सीमा में निस्तारण सुनिश्चित करना।
दण्ड व्यवस्था- नागरिक अधिकार पत्र (सिटीजन चार्टर) में की गयी प्रतिबद्धता की पूर्ति की दिशा में गम्भीरता प्रदर्शित करते हुए नागरिकों के परिवाद निस्तारण करने में ढिलाई अथवा लापरवाही बरतने अथवा कार्यवाही न करने पर सम्बन्धित कार्मिकों को दंडित करने की भी व्यवस्था का स्थापना।
फीड बैक- नागरिक अधिकार -पत्र (म्यूनिसिपल सिटिजन चार्टर) का प्रयोग करके नागरिकों द्वारा नगरपालिका के परिवादों और सुझावों की कृत कार्यवाही तथा कार्यवाही समय से पूर्ण कराने के सम्बन्ध में अपने विचारों से अगवत कराना।
सेवाएँ-
सफाई कार्य एवं ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन -
उत्तरदयित्व
(1) नगर निगम के प्रत्येक जोन के जोनल अधिकारी अथवा यथास्थिति जोनल सफाई अधिकारी अथवा मुख्य सफाई एंव खाद्य निरीक्षक या सफाई एवं खाद्य निरीक्षक अथवा नगर आयुक्त की शक्तियों के प्रतिनिधायन के अनुरूप अन्य अधिकारी उत्तरदायी है।
(2) प्रत्येक वार्ड में यथा स्थिति मुख्य सफाई एवं खाद्य निरीक्षक /सफाई एवं खाद्य निरीक्षक अथवा सफाई नायक के कार्य सम्पन्नता हेतु उत्तरदायी हैं।
(3) नगरपालिका परिषद में नगर स्वास्थ्य अधिकारी, मुख्य सुफाई एवं खाद्य निरीक्षक/सफाई एवं खाद्य निरीक्षक अथवा अधिशासी अधिकारी एवं नगर पंचायतों में यथा स्थिति अधिशासी अधिकारी तथा सफाई नायक उत्तरदायी है।
प्रमुख कार्य - 1- सार्वजनिक सड़कों और नालियों की सफाई,
2- सार्वजनिक शौचालयों मूत्रालयों की सफाई एवं रख रखाव,
3- कूड़ा का एकत्रीकरण एवं परिवहन, और निस्तारण
4- मृत पशुओं के शवों का निस्तारण,
5- नगर स्वच्छ रखने के अन्य उपाय।
6- गन्दे जल– निस्तारण का कार्य ।
7- जन्म-मृत्यु पंजीकरण
8- शवों के निस्तारण हेतु निर्धारित स्थानों का विनियमन
9- संक्रमण रोगों की रोकथाम के उपाय,
10- स्वास्थ्य के लिये हानिकारण व्यवसायों पर नियंत्रण
11- आवारा पशुओं को पकड़ना,
12- पालतू कुत्तों की लाइसेंसिंग,
13- उपविधियों के अधीन अथवा अन्य लाइसेन्स
जन्म -मृत्यु पंजीकरणः-
1- जन्म एवं मृत्यु तिथि के 21(इक्कीस) दिनो के अन्दर यथा स्थिति नगर निगम के संबंधित जोन कार्यालय, नगरपालिका परिषद, नगर पंचायत कार्यालय में निःशुल्क पंजीकरण कराना अनिवार्य है।
2- पंजीकरण हेतु पंजीकरण कार्यालय नगर निगम का संबंधित वह जोन कार्यालय अथवा उस नगरपालिका परिषद, या नगर पंचायत का कार्यालय होगा जिसकी भौगोलिक सीमा के अन्तर्गत जन्म अथवा मृत्यु हुई हो ।
3- जन्म या मृत्यु की 21(इक्कीस) दिनों के उपरान्त परन्तु एक वर्ष तक विलम्ब से पंजीकरण निर्धारित विलम्ब शुल्क भुगतान करने पर कराया जा सकता है।
4- जन्म या मृत्यु के एक वर्ष से अधिक विलम्ब से पंजीकरण शपथ पत्र प्रस्तुत करने पर किसी प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट /सम्बन्धित उपजिला मजिस्ट्रेट के आदेश से पंजीकरण कराया जा सकता है।
5- जन्म पंजीकरण के 12 माह के अन्दर नवजात शिशु का नाम पंजीकरण अभिलेखों में निःशुल्क के अंकित कराया जा सकता है।
6- गत पॉच वर्ष के अन्दर के पंजीकरण मामलो में आवेदन करने पर जन्म अथवा मृत्यु प्रमाण पत्र 30 दिन में दे दिया जायेगा।
7 अभिलेखों में अंकित त्रृटिपूर्ण विवरण को दो सम्मानित नागरिको की घोषणा एवं पुष्टि स्वरूप दो सहायक अभिलेखों यथा पासपोर्ट, स्कूल का प्रमाण–पत्र आदि के प्रस्तुत करके त्रुटि का सुधार कराया जा सकता है।
8- प्रमाण पत्र जाँच के उपरान्त दिया जायेगा, जिसकी अवधि तीस दिनों से अधिक हो सकती है।
9- जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण अधिकारी नगर निगमों में नगर आयुक्त या उसके द्वारा इस निमित्त प्राधिकृत अधिकारी तथा नगरपालिका परिषदों एवं नगर पंचायतों में सम्बन्धित अधिशासी अधिकारी है।